एक चीज़ से डर लगता है मुझ, जानना चाहोगे कि वो क्या है?
चलो मान लो कि अभी मुझे अभिनेता बनने का जुनून है और मैं इसके लिए मेहनत भी करने को तैयार हू। जब ये बात उन लोगों को पता लगी जो मुझे जानते हैं, एकदम से मेरे आस-पास काले बादल छाने लगे।
मेरे दिमाग में समाज, पैसा, असलियत जैसी बातें आने लगी जो इन बादलों को और घना करती गई। अब मेरे पास दो रास्ते हैं, एक मैं अपने जुनून को आगे बढ़ाऊँ या दूसरा मैं समाज की बातें सुन कर कोशिश ही ना करूँ।
अब मैं पहला रास्ता चुनु तोह ठीक पर अगर दूसरे पर आ गया, तोह मेरे डर का कारण यह खेद ही होगा कि मैंने कोशिश ही नहीं करि।
लोग नहीं समझते कि काश और शायद कि ज़िंदगी खोखली ही रह जाती है।
ऐसी परिस्थिति को सवारने के लिए ज़िंदगी अपने हिसाब से जीनी पड़ेगी और उसके लिए, हमें हिम्मत कि ज़रूरत है। तोह हिम्मत कैसे जुटाई जाये?
अपने हिसाब से जीने की हिम्मत कैसे जुटाए
तुम्हें पता है कि ऐसे समाज में जीना कितना मुश्किल है जहाँ लोग तुम्हें जीने के तरीके सिखाते हैं। जैसे तुम्हारा पेशा, प्यार और विद्या सब उनके हाँथ में हो।
अगर 24 घंटे तुम इन्हीं लोगों के बीच रहोगे तोह एक समय के बाद तुम खुद पर संदेह करने लगोगे| ऐसा होना लाज़मी है, क्योंकि जब कोई तुम्हारे हर काम पर सवाल उठाये, तब तुम्हारा भी सोचने का तरीका वैसा ही हो जाता है। कुछ लोग समाज कि बातों को दिल पर भी ले लेते हैं, जिस से उन्ही की मुश्किलें बढ़ जाती है।
मेरी मानो तोह तुम इन सब चीज़ों से आगे बढ़ सकते हो| तुम इतनी हिम्मत जुटा सकते हो कि बिना पीछे मुड़े, अपनी राह पर आगे चलते रहो। चलो देखते हैं कि आखिर ये होगा कैसे –
1. दूसरों कि सफलता से सीखो
अगर मैं अपना ही उदाहरण दूँ तोह, मैं शाहरुख़ खान, इरफान खान को देख कर सोचता था कि अगर ये लोग इतने महान कलाकार बन सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं?
वैसे एक राज़ कि बात बताऊँ?
ये बात मुझे थोड़ी देर बाद समझ आई कि अगर कोई कुछ हासिल कर सकता है, तोह फिर तुम भी कर सकते हो।
तुम ये तोह नहीं सोच रहे कि मुझ में इतना आत्मविश्वास कैसे है? इतना मत्त सोचो बता रहा हूँ कैसे। वास्तव में मैं उन लोगों के बारे में सोचता हूँ, जो पहले से ही सफल हैं और मेरे से मिलते जुलते हालातों में रहे हैं। इसके साथ बस इतना ध्यान रखता हूँ कि, अगर ये लोग कर सकते हैं, तोह मैं भी कर सकता हूँ !
2. प्यार से जीना सीखो
प्यार से मतलब ये नहीं कि गलत चीज़ों को नज़रअंदाज़ करदो। इसका मतलब ये है कि माफ़ करना सीख।
जैसे सबकी ज़िंदगी में, कुछ ऐसे लोग आते है जो आपको ख़ुशी भी देते है और गम भी। तोह उन लोगों कि ग़लतियों को माफ़ करना सीखो क्योंकि सीधी बात है, अगर तुम्हें कोई दर्द देता है तो उसकी कोई ना कोई वजह ज़रूर होती है।
अब तुम ही बताओ, किसी का दिया दर्द लेकर क्या तुम आगे बढ़ सकते हो? मुझे तोह नहीं लगता। हाँ, उस ज़िंदगी में जुनून सवार होगा पर सुकून नहीं मिलेग।
इसीलिए दूसरों को माफ़ करना सीखो और प्यार से दोस्ती करो।
3. तुम्हारी पहचान तुम खुद बनाते हो, दूसरे नही।
मानलो किसी ने तुम्हें बोला कि तुम मूफट हो, (मूफट का मतलब कि तुम किसी के भी मू पर ,सब कुछ बोल देते हो)।
अब ये खिताब उसने अपने अनुभवों के हिसाब से तुम्हें दिया है, पर अगर तुम चाहो तोह इसको अलग तरीके से ले सकते हो। जैसे, इसका मतलब ये भी है कि तुम सच बोलते हो, और झूटी तारीफ तुमसे होती नही। देखा इंसान का नज़रिया एक शब्द के मतलब को कितना बदल देता है।
ये हमेशा याद रखना कि तुम अपने बारे में जो सोचते हो वही ज़रूरी है और वही लोगों को दिखता है।
क्या हुआ? तुम्हें खुद के प्रति नज़रिया बदलना है?
इसका भी इलाज है – एक पन्ने पर वो सारी अच्छी बाते लिखो, जो तुम्हें चाहिए और जो लोगों ने तुम्हारे बारे में बोली है। रोज़ सुबह उठ कर या पुरे दिन में कभी भी, एक बार उस पन्ने को पढ़ लेना। देखना धीरे-धीरे सब सही होने लगेगा।
4. अपने से पहले, दूसरों का सहयोग करो।
यह समय मूल्य है और कभी वापस नहीं आने वाला। हाँ थोड़ी अलग बात बोल्दी पर मैं ये कहना चाहता हूँ, कि जितना वक़्त तुम फ़ालतू लोगों के साथ गुज़ारते हो उस वक्त को सहयोगिक लोगों के साथ बिताओ।
क्या !!! तुम्हें नहीं पता कैसे? अरे मैं मज़ाक कर रहा था, चलो मैं बताता हूँ। तोह बात ये है कि जैसा सहयोग तुम दूसरों से चाहते हो, वही सहयोग बनकर उनकी ज़िंदगी सवारों।
जब तुम दूसरों को प्रोत्साहना दोगे, तोह बदले में वो भी तुम्हें प्रोत्साहित करेंगे।
उदाहरण के लिए हमारा Instagram पेज ही ले लो (अगर Follow नहीं किया तोह अभी जा कर करो, रोज़ प्रेरणा मिलती है वहाँ। मैंने एक पेज कि Profile पर अच्छा सा Comment किया, और बदले में उसने भी क्या। अब हालात ऐसे है कि हम एक दूसरे की Posts को फ्री में ही प्रमोट करते रहते है।
बस यही चीज़ें है जो तुम्हारी मदद कर सकती है।
जहां तक मेरी बात है, मैं अपनी ज़िंदगी में खुश हूँ और मनपसंद काम भी कर रहा हूँ। अब ये तुम पर है कि तुम्हें अपने हिसाब से जीना है या दूसरों के हिसाब से?
मैंने तोह सब बता दिया, अब तुम्हारी बारी। नीच Comment Section में बताओ कैसी ज़िंदगी जीना चाहते हो और ये Article उनके साथ Share करो जिनको इसकी ज़रूरत हो। तब तक के लिए ज़िंदा रहो।
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