ज़िंदगी में आगे बढ़ना कौन नहीं चाहता | अगर तुम्हें लगता है की तुम problem solve करे बिना सफलता हासिल कर सकते हो या आगे बढ़ सकते हो, तोह ऐसा नहीं है| कभी कबार मुझे भी लगता है, कि कुछ हो नहीं रहा है, कुछ कर नहीं पा रहा हूँ, कोई solution कैसे निकलेगा| पर इसका मतलब यह तो नहीं की हाँथ पर हाँथ धर के बैठे रहेंगे| ज़िंदगी में तो problems आती रहेंगी, तोह कर क्या सकते हैं? आज मैं तुम्हें यही बताने वाला हूँ|
सबसे पहले चीज़ तो हम यह समझ नहीं पाते कि ज़िंदगी क्या है, यह सुनने में थोड़ा फ़िल्मी लग रहा होगा, मगर बहुत सारे लोगों को यह पता ही नहीं है कि जिंदगी आखिर है क्या?
मेरे हिसाब से ज़िंदगी मंज़िल नहीं एक रास्ता है या फिर एक सफर और तुम उस सफर में एक गाड़ी | चलो मान लिया कि इस सफर में अगर तुम गाड़ी हो तो पेट्रोल personal life और इंजन तुम्हारी professional life है| अगर दोनों में से एक भी चीज़ ख़राब हो गई, तोह तुम्हारी गाड़ी तो वहीँ रुक जाएगी, ना आगे जाएगी ना पीछे|
इस blog में मैं तुम्हें यही बता सकता हूँ कि अगर तुम्हारी गाड़ी ख़राब हो जाए तो उसे ठीक कैसे करना है, आगे बढ़ाना या पीछे जाना यह तुम्हारे ऊपर है| चलो फिर शुरू करते हैं| अब तुम्हें ये देखना है सबसे पहले कि
Problem क्या आ रही है आगे बढ़ने में?
अब जैसे मैंने ऊपर बताया कि मान लो तुम गाड़ी हो| अब अगर तुम बोलो कि मेरी गाड़ी चल नहीं रही है, तब क्या करोगे? अगर तुम्हें यही नहीं पता है कि सबसे बड़ी problem क्या है अभी तुम्हारी ज़िंदगी में जो तुम्हें आगे बढ़ने से रोक रही है, तो तुम उसका solution कैसे निकालोगे? हाँ, अगर तुम्हारी पूरी ज़िंदगी ही बर्बाद हुई पड़ी है तोह एक चीज़ से चालू करो, सारी problems को एक साथ मत पकड़ो|
Problem छोटी या बड़ी नहीं, problem, problem होती है जिसका solution निकलना बहुत important होता है| अब तुम्हें पता है कि तुम्हारी ज़िंदगी में problem क्या है, मगर वो problem है क्यों?
Problem Solve ना करने का कारण क्या है?
देखो 99% तुम्हारी ज़िंदगी में जितनी भी problem है उनका होने का एक ही कारण होता है, जो कि है डर| तुम यह खुद से पूछो क्या तुम्हें डर लगता है?
इसी चीज़ को और explain करता हूँ. एक आदमी जब यह सवाल उठाने लगे कि मैं अपनी जिंदगी में आगे कैसे बढूं? तो इसका मतलब यह है कि वह अभी अपने comfort zone में है. Comfort zone एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक आदमी आराम और आलस से भर जाता है , उससे लगता है अगर इस जगह से या इस स्थिति से मैं थोड़ा सा भी बाहर जाऊँगा, तोह कुछ गलत होगा मेरे साथ| इसी को डर कहते हैं|
तुम result के बारे में सोचते रहते हो, कि अगर ये सही हो गया तोह क्या हो जाएगा, अगर गलत हो गया तोह क्या हो जाएगा| इस वजह से तुम्हारा डर इतना बढ़ जाता है कि तुम कोई कदम उठाते ही नहीं हो| तुम्हें ये लग रहा होगा की अब success (सफलता) कैसे मिलेगी?
आगे कैसे बढ़े?
आगे बढ़ने के लिए सबसे important चीज़ है तुम्हारा दिमाग और तुम्हारी सोच। अगर तुम्हारा दिमाग तुम्हारे control में नहीं है। तो तुम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते।
अब तुम्हें यह सोच बनानी पड़ेगी कि तुम्हारी जिंदगी में अगर कोई problem है तो उसको solve करके मैं आगे कैसे बढ़ सक्ता हूँ। चलो शुरुआत से करते हैं, अगर तुम्हें यह सोच बनानी है तो तुम क्या कर सकते हो। मैं नहीं कह रहा कि तुम कोई बड़ा सा step ले लो पर, इसका भी process होता है।
पहला Step – Problem समझो
सबसे पहले चीज अपनी ज़िंदगी को एक बार ध्यान से देखो हर angle से देखो क्या तुम्हें कोई ऐसी जगह दिख रही है जहाँ पर तुम्हें लगता है कि तुम आगे नहीं बढ़ पा रहे हो|मान लो वह चीज है तुम्हारी professional life, ठीक है?
अब इसमें देखो कि professional life में तुम्हें किस area में problem हो रही है, area मतलब जैसे कोई skill-set तुम्हारा ख़राब है, तुम्हें बात करना नहीं आता या फिर type करना नहीं|
अब कुछ लोग कहते हैं कि एक ही area में उनके पास 3-4 problem है| अब उसमें से उस problem को पकड़ो जो तुम्हें लगता है कि अगर मैं सही कर दूँगा तो 70% मेरी problem solve हो जाएगी. अब इस step के बाद हमें अपनी problem मिल गई, जिस पर हमें काम करना है| अब चलते हैं अगले step पर.
दूसरा Step – Plan बनाओ
इतना ध्यान रखना अपनी जिंदगी में ऐसा कोई भी सवाल नहीं है जिसका जवाब नहीं हो सकता। अगर इस सोच के साथ तुम आगे बढ़ोगे तो मैं बता रहा हूँ, अगर सवाल का जवाब नहीं मिला तो कम से कम, तुम्हें पता लग जाएगा कि उस problem को कैसे संभालना है।
अब ऊपर जो problem मैंने बताई थी उसमें से चलो एक उठा लेते हैं, कि तुम्हें बात करना नहीं, आता अब क्या करेंगे इसमें?सबसे पहली चीज़ अब हमारे लिए है कि, जो हमने problem निकाली है उसके लिए हमें ढूँढना पड़ेगा कि इसे कैसे solve किया जा सकता है, Google करो।
यही हमारा दूसरा step है कि हमें यह decision लेना है कि हम इस problem को solve करेंगे, और कैसे करेंगे| हम प्लान बनाएँगे। अब यहाँ तक हमारा 70% काम हो चुका है, अब हमें आख़िरी और सबसे important (महत्वपूर्ण) step पर जाना है।
तीसरा Step – Solve करो
जो तुमने प्लान बनाया है उसको follow करो बस और कोई चीज़ नहीं है, जो तुम्हें successful होने में मदद कर सकती है।
अब इसमें problem कहाँ आती है कि लोग plan तो बना लेते हैं कि भाई “ये करेंगे वो करेंगे। ऐसे करेंगे वैसे करेंगे ” जब कि ज़्यादातर ये plan practical नहीं होता। Practical का मतलब जोश में तुमने शुरुआत में ही बड़ा plan बना लिया पर बाद में उसको निभाने कि तुम्हारी हिम्मत नहीं हुई।
Plan हमेशा ऐसा बनाओ जिसमें हमें छोटी-छोटी चीज़ों से शुरुआत करनी पड़े। ये सिर्फ इस लिए है ताकि तुम काम शुरू तो करो| जितना मुश्किल task रखोगे, उतना ही टालोगे। मैंने बहुत लोग देखें हैं, कल-कल करते-करते पूरी जिंदगी बीत जाती है।
इतना समझ लो, ये एक बार का काम नहीं है, इसे आदत बनाना है हमें।आगे बढ़ने के लिए, ये चीज़ तुम्हें दिमाग में बिठानी और follow करनी पड़ेगी।
हाँ कोई ज़बरदस्ती नहीं है, अगर तुम्हें अपनी जिंदगी सुधरने का कोई शौक नहीं है, तो कोई कुछ नहीं कर सकता। पर अगर तुम अपनी ज़िंदगी को आगे बढ़ाना चाहते हो या कुछ हासिल करना चाहते हो, तो पहला कदम तुम्हें ही उठाना होगा।
अब मुझे ही देख लो, मैं कुछ समय तक बस सोच रहा था कि एक blog चालू करूँगा। करूँगा-करूँगा बोलकर कुछ भी नहीं करा, पर यह मेरा पहला article है, और मैं खुद से वादा कर रहा हूँ कि ऐसे articles लिखता रहूँगा, कोई पढ़े या न पढ़े ।
तुमने अगर ऊपर का लिखा नहीं पढ़ा है, या मन नहीं करा तो आसान भाषा में बताएँ तो सिर्फ 3 steps है
- Problem से भागो मत
- Decision लो, solution निकालो और plan बनाओ
- Action लो
अगर तुम्हें इतने बड़े article से कुछ भी सीखने को मिला तो simple है, problem देखो – plan बनाओ – वापस आओ और action को नीचे comments में लिखो। क्या करने वाले हो अगले 30 दिन, एक साल, ज़िंदगी भर लिखो। आशा करता हूँ आगे भी तुम्हारे comments देखता रहूँगा, तब तक के लिए उसके साथ ये article share करो जिसे ज़रूरत है।
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