तो आज का विषय है अकेले खुश कैसे रहे (Akele Khush Kaise Rahe)? वैसे तोह कई लोग हैं जो अकेले खुश रहते है पर बाकियों का क्या, जिनके लिए ये बहुत ही मुश्किल चीज़ है?
चिंता मत करो ऐसे कुछ रास्ते हैं जिन से तुम अकेलेपन (Akelepan) में भी खुश (Khush) रह सकते हो और आज मैं तुम्हें वही बताने वाला हूँ। लेकिन उस से पहले, हमे कुछ बातें समझनी पड़ेगी।
अगर देखा जाये तोह 2 प्रकार के लोग होते हैं अंतर्मुखी (Introvert) और बहिर्मुखी (Extrovert) , इन दोनों में ही अकेलेपन की गुंजाईश हो सकती है। एक तरफ कुछ लोग अकेलेपन से दोस्ती कर लेते हैं और दूसरी तरफ वो लोग है जिनको को अपना वजूद ढूंढ़ना है पर हमेशा भीड़ में ही घिरे रहते हैं।
अकेलेपन (Akelepan) के बारे में बहुत लोगों के अलग-अलग विचार हैं, पर तुम जो भी सोचो अकेले (Akele) रहना ही एक मात्र जरिया है खुद को पहचानने और खुद के लिए सोचने का। और अगर अकेले (Akele) समय बिताना ही है तोह क्यों ना उसका आनंद भी लिया जाये।
चलो कुछ आसान चीज़ों से शुरुआत करते हैं –
Akele Khush Rehne Ke Tips | अकेले खुश रहने के टिप्स
वैसे तो बहुत सारे तरीक है अकेले खुश (Akele Khush) रहने के, पर यहाँ कुछ ऐसे महत्वपूर्ण टिप्स दिए है जो सही में आपकी मदद करेंगे।
खुद को समय दो
अब अकेले (Akele) रहने में सबसे अच्छी बात ये है की तुम खुद को समय दे पाते हो। अपने बारे में जानो और खुद को समझो, तुम्हें क्या पसंद है क्या नहीं? क्या काम करते समय तुम खुश (Khush) रहते हो और किन लोगों के बीच तुम्हें रहना पसंद है?
और सबसे मुश्किल काम करने को पहले ही बोल रहा हूँ, कि खुद को स्वीकारो। बहुत लोग होते है जो कभी मानना ही चाहते कि उनकी पहचान उनकी सोच से थोड़ी अलग है। अरे भाई, अगर पहचानोगे नहीं, बदलोगे कैसे?
अपनी ज़िन्दगी को संक्षेप में देखो की कहाँ मुश्किलें है और कहाँ तुम और बेहतर हो सकते हो। मेरी मानो तोह एक किताब (Diary) रखो जिसमें तुम ये सब लिख पाओ। आगे जा कर यही तुम्हें रास्ता दिखाएगी। अब तुम बोलोगे की खुद को पहचाने कैसे, हैना? मैं बताता हूँ –
मैडिटेशन करो
मैं जानता हूँ कि बहुत लोग मैडिटेशन करने के लिए बोलते है। पर तब भी तुम नहीं करते हो। क्या पता? शायद तुम्हें इसके फायदे न पता हो?
चलो मैं बताता हूँ। मैडिटेशन के बारे मै ये सोच है कि मैडिटेशन इंसान को शांत करता है। मैं ये नहीं बोलूंगा कि ये गलत है पर असल में मैडिटेशन तुम्हें अभी, यानी वर्तमान में जीना सिखाता है।
अब तुम मानो या ना मानो, जब तुम आने वाले या बीते हुए कल के बारे में सोचते हो तोह ज़्यादातर तनाव में ही रहते हो। क्यों?
असल में मानसिक और शारीरिक तनाव हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन (Cortisol Hormone) को पैदा करता है जो कि हमारे शरीर में तनाव जैसे अन्य प्रभाव उत्पन्न करता है।
मैडिटेशन तुम्हारी इस स्थिति में ठहराव लता है। जब तुम्हारा सारा ध्यान अभी पर होता है, तो तनाव भी कम होता है।
मैडिटेशन के अनगिनत फायदे है, जिन पर एक अलग लेख लिखूंगा। अभी के लिए अकेलेपन (Akelepan) को सवारते हैं।
एक नयी शुरुआत करो
क्या ऐसा कुछ है जो तुम करना या सीखना चाहते हो पर अभी तक किया नहीं?
जैसे, मुझे अंतरिक्ष के बारे में पढ़ना पसंद है और शास्त्रीय संगीत भी सीखना था। तो मैंने कॉसमॉस (COSMOS) देखना शुरू किया और यूट्यूब (YouTube) पर संगीत सीखना और मैं ये लिख कर कह सकता हूँ कि, तुम्हारा भी कोई जूनून होगा, कुछ सीखने का या कुछ हासिल करने का।
बस उस जूनून को ढूंढो और शुरू हो जाओ।
वैसे एक बात बताऊं? जितना तुम ज्ञान लोगे और उसका इस्तेमाल करोगे, उतना ही ज़िन्दगी को देखने का नजरिया बदलेगा तुम्हारा। ये मैं नहीं कह रहा, बल्कि विज्ञान खुद समझाता है। अब ज़ाहिर सी बात है, कि अगर तुम किसी भी चीज़ के बारे में ज्ञान लोगे और उसका उपयोग करोगे तोह बुद्धिमान ही बनोगे, जो तुम्हारी ज़िन्दगी को आसान ही बनाएगा।
इतना ध्यान रखना कि हर चीज़ का अभ्यास नहीं हो सकता, जैसे मैं अंतरिक्ष के बार में पढ़ कर कुछ नहीं क्र सकता। ये बस शौक है, तो कुछ चीज़ों के लिए अपना दिल छोटा मत्त करना।
हाँ एक और बात, किसी को देख क्र कुछ शुरू मत्त करना, जब तक उसमें तुम्हारा मन्न नहीं मानता। जिस चीज़ में तुम्हारा मन्न लगे उसे ही करो, आखिर ख़ुशी भी तोह ज़रूरी है।
सेहत का ध्यान रखो
अब अकेले (Akele) बैठ कर खुद के बारे में सोच ही रहे हो तो, अपनी सेहत को भी नज़रअंदाज़ मत्त करो। थोड़ा समय शरीर को भी देना ज़रूरी है।
तुम बोलोगे की अब इसका फायदा क्या है? चलो बताता हूँ –
1. रोज़ाना कसरत तुम्हारे वज़न को काबू में रखती है।
2. अलग-अलग बीमारियों से बचे रह सकते हो। जिसकी ज़रूरत आज-कल सबको ही है।
3. तुम्हारा मूड सही होता है और काम करने की क्षमता बढ़ती है।
4. और सबसे महत्वपूर्ण, तुम्हरी नींद में भी सुहदार होता हिअ रोज़ाना कसरत करने से।
मैं बस कसरत करने को बोल रहा हूँ, चाहे तुम 2 घंटे करो या 10 मिनट। अगर जिम (Gym) जाने का समय नहीं है तो सैर पर जा सकते हो या फिर घर पर थोड़े बहुत Push-ups और Crunches ही कर लो।
और हाँ, इसका परिणाम एकदम से नहीं मिलेगा, तो हार मत्त मन्ना। हर महत्वपूर्ण काम धीरे होता है पर होता ज़रूर है।
समय-समय पर अपने नियम बदलो
अब ज़ाहिर सी बात है, तुम इतने समय से एक दिन का नियमित तरीके से पालन करते आ रहे हो, ऊब (Bore) तोह गए ही होंगे।
मैं बोलते हु कि उसे पूरा हिला दो, पूरा मतलब पूरा। बस।
नहीं समझ आया? इसका मतलब ये है कि, मान लो तुम रोज़ 6 बजे मोबाइल पर गेम खेलते हो, अब इस समय पर गेम खेलने के अलावा कुछ और करो। जैसे कोई किताब पढ़ ली, या बहार चले, कुछ भी बस मोबाइल से दूर रहना है। मोबाइल पर गेम किसी और समय कहे लेना।
ये करने का कारण है कि, इंसान जब एक ही तरीके से जीता रहता है, तब वह बहुत जल्द ऊब (Bore) जाता है और हमे बस ज़िन्दगी से यही बोरियत को हटा कर, कुछ दिलचस्प करना होगा।
हाँ, धीरे -धीरे ही परिवर्तन लाओ क्योंकि अगर एकदम से सारे नियम बदलोगे तो खुद भी पागल हो जाओगे।
भविष्य को बदलो
अगले 5 या 10 साल में तुम अपनी ज़िन्दगी में क्या करना चाहते हो?
निजी और व्यावसायिक तरीके से सोचो। और इस ज़िन्दगी को हासिल करने के लिए तुम्हे क्या करना होगा? उन सब चीज़ो को अपनी किताब (Diary) में लिखो। कौन सी किताब? उसी किताब में, जिस में तुम ने अपनी कठिनाइयों को समझते हुए लिखा है।
हर बड़े कार्य के पीछे एक बड़ी योजना होती है, तुम इस अकेले (Akele) समय में उस पर ध्यान दे सकते हो। और मैं यही लिख कर देता हूँ, कि लोग सिर्फ बोलते है पर सफलता तुम्हारे असलियत में कदम चूमेगी।
मैं बस इतना बोलूंगा कि अकेले रहना मुश्किल ज़रूर है, पर इस अकेलेपन (Akelepan) में अगर तुम चाहो तो अपनी पूरी ज़िन्दगी बदल सकते हो। बस एक सही सोच कि ज़रूरत है, और तुम वो पा ही लोगे, जो तुम चाहते हो।
आशा करता हूँ तुम लोगो ने कुछ सीखा ही होगा। और अगर ये टिप्स तुम्हारे काम आयी है तो नीचे Comment Section में ज़रूर बताना और ये Article उनके साथ Share करो जिनको इसकी ज़रूरत हो।
तब तक के लिए ज़िंदा रहो।
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